आपका बहोत बहोत स्वागत हैं आध्यात्मिक जगत के ज्ञान भरे लेख मे और आपका ह्रदय से धन्यवाद् करती हूँ की आप अपना कीमती समय निकल कर यहाँ आये। आप यहाँ अपने विचार व्यक्त करने के लिए सहेज मेहसूस कर सकते हैं। इस कोरोना के चलते हम सब जानते है की यह हम सब के लिए बहोत ही कठिन समय हैं और हमारा विश्वास ही हमारी ताक़त हैं। इन सारी परेशानियों से लड़ना एक कठिन अवस्था है हमारे लिए और हमारे परिवार के लिए भी। किंतू मुझे विश्वास हैं की आप कुशल- मंगल होंगे। मेरी यही प्रार्थना हैं आपके लिए की परमेश्वर आपको और आपके परिवार को कोरोना की कठिन घड़ियों से लड़ने की शक्ति आवश्य दे।
आज हम कुण्डलिनी षष्टचक्र / साथ चक्र भेदन के विषय में जानेंगे, की क्या ,कितने और कैसे ये चक्र होते हैं ? कैसे इन चक्र का भेदन होता है मतलब खुलते है। जैसे की मैंने पिछले कही लेख में कुण्डलिनी चक्र का पहला चक्र मूलाधार चक्र के विषय को विस्तार से बताया हैं। और भी आगे सारे चक्रों की श्रृंखला आएंगे। आज मैंने सोचा की थोड़ा इस विषय पर प्रकाश डालू की दरअसल ये कुण्डलिनी चक्र क्या हैं? और कितने होते है ? फिर उसके बाद हम बाकी के षट्/छः चक्र के बारें में जानेंगे। ताकि आपको थोडासा इस विषय में ज्ञात हो की ये क्या होते हैं? और आपको समझने में भी आसानी हो।