आपका बहोत बहोत स्वागत हैं आध्यात्मिक जगत के लेख में, मैं ह्रदय पूर्वक धन्यवाद करती हूँ आप सभी का की आपने मेरे सभी लेख को इतना पसंद किया और मुझे अपने-अपने सुझाव दिए। यही नहीं आपने अपना कीमती समय भी निकाल कर यहाँ मेरा लेख पढ़ने आए बहोत बहोत धन्यवाद और बहोत आनंद होता हैं यह जानकर की आप सभी को रुचि हैं अध्यात्म में और इससे जुड़े हुए सारे रहस्यों में। आपके कमैंट्स और सब्सक्रिप्शन के लिए भी आपकी मनपूर्वक आभारी हूँ। आप सभी कुशल मंगल होंगे यही विश्वास हैं मुझे की प्रभु जी आपको इस विचित्र परिस्थिति से लढने की शक्ति अवश्य प्रदान कर रहे होंगे। आज आपके लिए मैंने जुड़वाँ आत्मा /जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम के बारें में लेख लिखा हैं आज आप जानेंगे की आप अपने जुड़वाँ आत्मा /जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम से मिल चुके हैं तो क्या इसके लक्षण हैं? बस इसी विषय में मैंने लेख लिखा हैं तो आप जान पाएंगे की क्या आप सच में अपने सत्य प्रेम /जुड़वाँ आत्मा /जुड़वाँ लौ/ ट्विन फ्लेम से मिल चुके हैं ये कुछ लक्षण आपकी अवश्य सहायता करेंगे। पिछली लेख में मैंने आपको बताया था की जुड़वाँ आत्मा /जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम क्या हैं ? अगर आपने वो पढ़ा नहीं हैं तो पढ़ लीजिए ये लेख उसी का भाग हैं जब आप वो पढ़ेंगे तभी आप आज की लेख जानेंगे।
१५ लक्षण की आप अपनी जुड़वाँ आत्मा /जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम से मिल चुके हैं।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम से आपका पहला परिचय किसी भी स्थान पे होना।
ऐसा बहोत बार देखा गया हैं की जुड़वाँ लौ एक ही पाठशाला, एक ही कक्षा, एक ही कॉलेज, एक ही दफ्तर, एक ही शहर या एक ही देश में हो सकते हैं। पर किसी किसी के लिए ये अलग अलग जगह पे भी उपस्थित होते हैं जैसे की देश या अलग अलग शहर में। परन्तु आप तब पहचान नहीं पातें। आप तभी पहचानते है जब आप या तो २८ साल के हो या इससे ज़्यादा उम्र में हो २८ इसलिए कहा इस कारन है की २८ के उम्र में हमारा ह्रदय चक्र खुलता हैं। पर किसी किसी में यह देखा गया हैं की कोई बहोत कम उम्र में ही अपने दूजी आत्मा को पहचान लेते हैं। यह इसलिए होता हैं क्योंकि उनकी पिछली तपस्या और कर्मा उतने मजबूत होते हैं और हो सकता हैं की उन्होंने कोई वादा किया हो की हम इसी उम्र में मिलेंगे जैसे की 'राधाकृष्ण' ' की उनको श्राप था श्रीधामा जी से जो श्रीकृष्ण भक्त थे उन्होंने ने श्रीं राधाजी को श्राप दिया था की वे श्रीं कृष्ण को १०० वर्षों तक भूली रहेगी तभी तो वे १०० वर्षा के बाद ही श्रीं कृष्ण को पहचान पाएं ऐसा नहीं की वो सौ वर्ष के हो गए थे किन्तु १ युग बित जाने के बाद जो जन्म उनका हुआ वो १०० वर्ष के बाद था और जब श्रीं कृष्ण ने जन्म लिए तो श्रीं राधा जी को जागरूक करने श्रींकृष्ण उनके जीवन में आएं थे तभी श्रीं राधाजी की सारी स्मृतियाँ पुनः लौट आयी थी। और पूर्ण जागरूक करने के बाद ही श्रीं कृष्णा ने वृन्दावन छोड़ा था क्योंकि श्रीं राधा और श्रीं कृष्ण एक ही थे मतलब जुडवाँ अत्मा थे, और यदि श्रीं राधे जी को अपने साथ ले जाते तो वृन्दावन वासी मर जातें क्योंकि वे लोग जानते थे की श्री राधा और श्रीं कृष्ण एक ही हैं इसलिए वे श्री राधे जी को ही देख देख कर जीते थे। इसी कारन से श्रीं राधे वृन्दावन छोड़ के श्रीं कृष्ण के साथ नहीं गए क्या वे जा नहीं सकते थे? पर उन्होंने कभी ऐसा अनुभव किया ही नहीं की वे कभी श्रीं कृष्णा से अलग हैं और ये आध्यात्मिक के बिना असंभव हैं और यही जुड़वाँ आत्मा कहलाते हैं जो अलग जगह रहकर एक मन से होकर एक ही साथ अपना कार्य करते रहते हैं। और इसलिए वे हमेशा कहते थे की राधा विवाह करने के लिए तो दो लोग चाहिए किन्तु हम तो एक ही हैं तो विवाह कैसे ? और जिन जुड़वाँ आत्माओं को यह बात समझ आ गयी तो वे अपने आप ही खुद को संभाल लेते हैं। इसलिए कहती हूँ की श्रीं राधाकृष्ण सा प्रेम भी नहीं चाहिए परन्तु शिवशक्ति का प्रेम अवश्य चाहिए क्योंकि वे तपस्या करके पूर्ण हुए थे और श्रीं राधाकृष्ण श्राप से अलग ही रह गए थे परन्तु जिन्हे अमर प्रेम चाहिए तो राधाकृष्ण के शरण में जाएं और जिन्हे सुखी और सम्पन्न संसार मतलब विवाह चाहिए तो शिवशक्ति के शरण जाइये ये आपके ऊपर निर्धारित हैं किन्तु आपने यह नहीं भूलना चाहिए की वे मानव रूप में अलग थे और हमने यह नहीं भूलना चाहिए की वे देव हैं और उनमें अपार शक्तियां थी उस वक्त वो काल और युग ही ऐसा था जो अब नहीं हैं। आज की परिस्थितियाँ अलग हैं और वैसे लोग भी और उनकी ऊर्जाएं भी।तो यह समय पर निर्धारित होता हैं। पर आपका प्रेम कभी किसी के लिए नहीं बदलता क्योंकी प्रेम आत्मा से होता हैं। और आत्मा किसी को नहीं भूलती चाहे कितने भी आप जनम ले वे अपने साथी को अवश्य पहचान लेती हैं।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम को ब्रह्माण्ड की समकालिकता (सिंक्रोनिसिटी ऑफ़ यूनिवर्स )
जब आप अपने आधे से मिलने वाले होते हैं तब आपको ब्रह्माण्ड गानों से, पिक्चरों से, किसी व्यक्ति सम्भाषण के द्वारा, अंकों के द्वारा, प्रकृति के द्वारा, किसी किताबों के द्वारा, अगर आप कही काम करते हैं और जब उसी काम के लिए या घर आते वक़्त रास्तों पे अजीब सी बातें दिखना जैसे की रोमांस के चित्र, रोमांस की बातें, कोई प्यारा जोड़ा दिखना वो किसी का भी हो सकता हैं। और आपका ध्यान उन्ही के तरफ खींचना। उनका नाम पुनः पुनः दिखना, या सुनाई देना। पुनः पुनः दोहरे अंक दिखना जैसे की ११:११, २२:२२, ५५:५५, १११ और ये कही भी दिख सकते हैं। पर गौर करने वाली बात ये हैं की आपका ध्यान सिर्फ ऐसे ही अंको पर पुनः पुनः जायेगा। आप समझ नहीं पाएंगे की क्यों ऐसा हो रहा हैं ? पर आप समझ जाइएगा की आप अपने जुड़वाँ लौ से मिलने वाले है या मिल चुके हैं। यह ज़्यादा तर मिलने के बाद ही होता हैं परंतु किसी किसी के लिए ये पहले भी होता हैं। आपको मिलानेको ब्रह्माण्ड पूर्ण सहायता करता हैं आप घूम फिर के उन्हीं से मिल पातें हैं और जब आप मिलते हैं तो आप में कोई रूकावट नहीं होंगी या फिर ज़्यादा रूकावट होने के बाद भी आप सहज मिल पातें हैं और आपको कोई रोक नहीं पता एक दूजे से मिलने को। आपको ऐसा लगेगा की स्वयं ब्रह्माण्ड आपको मिलाने का प्रयत्न कर रहा हैं।
#जुड़वाँ लौ / ट्विन फ्लेम से मिलने के पूर्व स्वप्न निरंतर आना
जब भी आपकी जुड़वाँ आत्मा आपसे मिलने आएगी तो आपको बहोत ज़्यादा रोमांटिक स्वप्ने आएंगे और आप स्वप्नों में बहोत ज़्यादा आनंदित सा आभास करेंगे। जैसे की कोई आपको प्रेम का प्रस्ताव दे रहा हैं। आप खुद को सवार रहे हों। आप आकाश में किसी के साथ उड़ रहे हो आप उसे पहचानते हैं पर सिर्फ स्वप्न में, आपको बड़े बड़े विचित्र स्वप्न आएंगे जैसे की पानी पे चलना, आकाश में उड़ना, शक्तियों का भंडार खुद में दिखना, अपनी ऊर्जा श्वेत या सुनहरी दिखना, आप प्रेम-रोमांस कर रहे हैं ऐसा दिखना। आपका हाथ किसी के हाथ में हैं और आप बहोत खुश हैं। आप प्रकृति में घूम रहे हैं ऐसा दिखना। अंक दिखना, नया दरवाज़ा दिखना, रास्ता साफ़ दिखना। यह सब जुड़वाँ आत्मा /ट्विन फ्लेम से मिलने के पूर्व स्वप्न हैं।
#जुड़वाँ आत्मा /ट्विन फ्लेम से मिलने के बाद के स्वप्न आना
आप आईना देख रहे हो और आपका चेहरा स्पष्ट देखते हो तो समझ जाइये की आपको अपनी जुड़वाँ आत्मा से प्रेम हो गया हैं, आपका आध्यात्मिक प्रेम जागरूक हो रहा हैं और आप जिनसे मिल चुके हो वो आपकी जुड़वाँ आत्मा हैं। आईने में खुद की जगह जुड़वाँ आत्मा का स्वरुप देखना, स्वप्न में किसी ख़ास अंग को स्पष्ट देखना जैसे आँखें ,हाथ, चरण, होंठ, या पूर्ण रुप स्पष्ट देखना, आप गले मिल रहे हो और आप भीतर से बहोत प्रसन्न हैं, स्वयं को हल्का भास करना, उन्हें या अपने आपको देवदूत की तरह देखना, देवदूत दिखना, इष्ट या देवस्थान दिखना, दिया दिखना, पंछियों का या हंसों का जोड़ा देखना, अजीब अजीब उच्च कोटि के लोग देखना, फूलों का बगीचा उसमे खुद को या उनके साथ अपने आप को देखना। अपने भीतर की शक्तियां जागरूक हो रही हैं ऐसा भास होना और अपनी चारों तरफ स्वेत ऊर्जा सा देखना। देव पूजा करना, नए कपडे पहने देखना, देवदूतों से बातें करते हुए देखना, जानवरों से और पक्षियों से बातें करना, छोटे नन्हे बच्चों से खेलना या बातें करना, अपने पूर्वजों से मिलना उन्हें खुश देखना, पूर्वज कुछ आपको उपहार दे रहे हैं ऐसा देखना, देवी देवताओँ के दर्शन होना, नए-नए मार्ग दिखना और ढेर सारा प्रकाश दिखना। इनमेसे कुछ भी आप देखते हो तो आप समझ जाइये की आप उनसे मिल चुके हैं। बार बार उनको साथ देखना और देखने या मिलने के बाद एक सुखद अनुभव करना। पुनः पुनः आपको वे प्रेम कर रहे हैं और आप बहोत ही स्वयं को पवित्र सा अनुभव करना, उनके साथ खिलखिलाना देखना, और नींद से उठने के बाद आपका पूर्ण दिन सुखद और शांति से बीतना। तो यह लक्षण जुड़वाँ आत्मा से मिलने के हैं। आप समझ जाइये।
# जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम को निरंतर सोचना
एक बार यदि आप मिल जातें हैं तो आप निरंतर उन्ही के बारें में सोचते रहते हैं। एक क्षण भी आप उनके विचारों से विमुख नहीं हो पाते आप कितना भी प्रयत्न कर ले आपका शरीर कुछ और कार्य कर रहा होगा और आपका मन उन्ही को सोच रहा होगा। आप जभी उनसे मिलेंगे तो कभी भी आपको बुरा अनुभव या ग्लानि सा अनुभव नहीं होगा इसके उलट आपको उनके साथ और समय बिताने का बहोत मन करेगा।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम के लिए चिंता और आनंद एक साथ अनुभव करना
आप जिनसे मिलेंगे तो आपको इस बात का आनंद अवश्य होगा की आपको कोई आप जैसा मिल गया पर आप इस चिंता में भी रहेंगे की क्या हम मिल पाएंगे? क्यों हम ऐसे मिले? क्या यह इतना सरल हैं ? कैसे स्वयं को में उसके प्रति में इतना /इतनी समर्पित रखू ? आगे हम कैसे मिल सकते हैं उनके विचार मन से क्यों नहीं हटते ? वो कौन हैं कहा से आये हैं ? निरंतर आप यही सोचते रहेंगे। आप एक जैसे होंगे इसलिए वे भी वही अनुभव करेंगे जो आप कर रहे होंगे ये आप २४ घंटे में आप जान जाओगे की वो भी वही सोच रहे हैं या कोई कार्य कर रहे हैं जो आप करना चाहते थे या कर रहे हैं। यह होता ही हैं आप एक ही आत्मा के दो हिस्से अलग अलग शरीर में विद्यमान हैं इसलिए आप हैरान भी होंगे। आप एक जैसे होंगे इसलिए हरकतें भी एक जैसे दिखाई पड़ती हैं कभी कभी। यदि आप साथ हैं जैसे की सम्भाषण या मिलने मिलाव से तो आप देखेंगे की बहोत ज़्यादा एक तो समस्या उत्पन्न हो रही हैं या फिर बहोत ज़्यादा शांतता हैं जब भी आप मिलेंगे तो। आपकी इच्छा बहोत जल्द पूर्ण होने लगती हैं की आपने मिलने का सोचा तो नियति ही ऐसे घटित होंगे की आप अपने आप ही मिल जाओगे आप हैरान रहोगे की ऐसे कैसे हो रहा हैं ? कोई हैं क्या जो सुन रहा हैं मन की बात ? पर विश्वास कीजिये यही होता हैं, या फिर होगा १०० % होगा मैंने कहा हैं तो ये अवश्य होगा या हुआ होगा।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम के सामने आपकी आंखें सब भेद खुल देगी
यह बड़ा ही रोचक हैं आप आज तक भले ही अपने भावनाओं को किसीसे छुपाए होंगे तो आप इनसे कभी भी छुपा नहीं पाएंगे। ये आँखें पढ़कर ही आपके आत्मा को छू जातें हैं। आप हैरान रह जायेंगे की कोई इतना मेरे बारें में कैसे जान सकता हैं ? आप उसकी आखों में कभी ज्यादा समय तक देख नहीं पाएंगे। एक अजीब सी घबराहट और बेचैनी सी आप अनुभव करेंगे। ये बात दोनों तरफ लागू होती हैं कोई एक बहोत पास आने का प्रयत्न करेगा और एक उससे भागने की। आपको लगेगा की बहोत भावनाएं आँखों से बह रही हैं और आप या वो आपके सारे भावनाओं को पहचान लेगा। एक रहस्य सा आपको उनके आखों में दिखाई देगा इसी वजह से आप कभी उनसे आँखें नहीं मिला पाएंगे क्योंकि अगर ऐसा होता हैं तो आप कोई भी बात उनसे छुपा नहीं पाएंगे। और यही सबसे सुन्दर और रहस्यमयी बात होती हैं। आपको उनसे मिलने के बाद ऐसा लगेगा ही नहीं की आप किसी पराये व्यक्ति से मिल रहे हैं आप पहले ही संवाद में उन्हें पहचान जाओगे। आपको लगेगा की इस व्यक्ति को मैं बहोत अच्छी जानती हूँ आपको उसे जानने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। आप अजीब सा खिंचाव उनके तरफ अनुभव करेंगे। आपको और उनके बारें में ज्ञात करने की इच्छा उत्पन्न होगी की ये कौन हैं जो मुझे इतने अच्छेसे से जनता हैं पहचानता हैं ? और इसिके चलते आपकी आध्यात्मिक यात्रा शुरू होगी। उन्हें खोजते खोजते आप अपने को ही पा जाओगे या फिर उनमें ही स्वयं गवाँ दोगे।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम को लेकर अपनापन सा अनुभव होना
आजतक चाहे आप किसी से भी मिले होंगे पर आपको कभी वो अपनापन सा अनुभव किसी के पास नहीं होगा सिवाय जुड़वाँ आत्मा के। जब आप इनसे मिलने वाले होंगे तो आप एक स्वस्थ और शांती सा अनुभव करेंगे। आपको अजीब सा आनंद और उल्हास अनुभव होंगे। आपको यह लगेगा की मुझे अपना घर मिल गया मेरे अंदर का खली पन सा दूर हो गया ,कोई मुझे अपना सा मिल गया। तो आप निरंतर ही सुखद अनुभव करेंगे। आपका उनसे बहोत ज़्यादा मात्रा में रोमांटिक प्रेम सम्बन्ध होगा किन्तु आप अपनी मर्यादा भी नहीं उलाँघ पाएंगे सही अर्थ में आप एक होने के लिए स्वयं ही को प्रभु के शरण में स्वयं को समर्पित करेंगे दृढ विश्वास आपने जागरूक होगा स्वतः ही। चाहे कितना भी गहरा रिश्ता आपका हो पर आप हमेश मर्यादाओं को समझेंगे। और जब आपकी तपस्या पूरी होगी तो स्वतः ही नियति आपको मिलाएगी पूर्ण रूप से। चाहे आपके जीवन में या उनके जीवन में कोई भी हो आप वो अपनापन सा अनुभव और बहोत ही ज़्यादा मात्र में आकर्षण उनके प्रति अनुभव करेंगे। आपको ऐसा लगेगा की आपको वो मिल गया जो आज तक आप खोज रहे थे, तब आपको सही अर्थ में समझ आएगा की मैं प्रेम और शांति खोज रहा था और वो मुझे मिल गयी। आप एक होने का अनुभव करेंगे। आपको लगेगा मन में यही की मैं चाहे कही भी हूँ पर वो मेरे भीतर ही हैं कही बाहर नहीं तो आप अपने आप ही शांति सा अनुभव करेंगे।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम या आप पहले से मात्रा में अधिक समझदार बनेंगे।
दरअसल ये देखा गया हैं की आप यदि बालिश की तरह रहते होंगे तो आप जुड़वाँ आत्मा से मिलने के बाद बहोत ज़्यादा समझदार हो जाते हो। आपको छोटी से छोटी बातें भी समझ आने लगती हैं। आप जो भी कार्य करेंगे आप उस कार्य पे पूर्वाभ्यास करेंगे। जिस तरह से यदि आप लापरवाह रहे होंगे तो आप उनसे मिलने के बाद ऐसा बिलकुल भी नहीं कर पाएंगे। आप अपने और अपने कार्य को लेकर बहोत ही सहनशील और सतर्क रहेंगे। अपने भीतर की खूबियां और कमज़ोरियों पर काम करना शुरू कर देंगे। वो उतावलापन आपमें रहेगा नहीं जो अब तक किसी कार्य या बात को रही होगी। अब आप अकेले ही उन सारे बातों को सुलझाना शुरू कर देंगे। अब आपको किसी की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी चाहे वो किसी भी बात में हो वो आपको इतना सक्षम होना सिखा देते हैं की आप स्वयं ही लोगों की सहायता करने लग जातें हैं। आपमें इतना भयानक आकर्षण बनने लगता हैं की आप किसी भी बात को अपने और सहज खिंच लेते हैं। इसलिए आपके बिघडे हुए कार्य बनने लगते हैं। आप अधिकतर एकांत रहना पसंद करेंगे। आप लोगों से दूर रहना सिख जाओगे ये अपने आप ही होता हैं इसमें आपको कुछ भी करना नहीं पड़ेगा। चाहे शरीर से आपके साथ वे हो न हो पर उनको अनुभव करना ही अपने आप में आपको पूरा करता हैं और यही काफी होता हैं। आप समझ नहीं पाएंगे की क्या चमत्कार घटित हो रहा हैं ? लेकिन विश्वास कीजिये यही होता हैं।
#जुड़वाँ लौ / ट्विन फ्लेम का स्वास्थ ठीक और परिस्थितियां सुधरने लगते हैं।
यदि आप जुड़वाँ आत्मा से मिलने से पहले बहोत बीमार होंगे या आपकी परिस्थिती बहोत विचित्र और कठिन होंगे तो इनसे मिलने के बाद आपके स्वास्थ में सुधार आने लगेगा आप ये अवश्य अनुभव करेंगे और निरंतर ही आप अपनी देख भाल करने लग जायेंगे। यदि आप किसी क्षेत्र में कई दिनों से प्रयत्न कर रहे होंगे तो आप मिलने के बाद वो कार्य करेंगे तो वो अवश्य होगा। यह बात आपकी और उनकी ऊर्जा से भी लागु होती है उलट भी हो सकता है जैसे उनका कार्य हो सकता है या फिर आपके रुके हुए कार्य पूर्ण होने लगते हैं। यदि आप आध्यात्मिक होंगे तो वो आध्यात्मिक नहीं होंगे या फिर कुछ अंश मात्र में होंगे यह तो आपके कर्मा और पिछले कर्मो पे निर्धारित होता हैं। आपका भाग्योदय होने लगता हैं। यदि आप आध्यात्मिक होंगे तो वे भवतिक होंगे ऐसा देखा गया हैं।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम की और कुछ बातें आपकी एक जैसे होना
हाँ यहाँ किसी किसी ने यह अनुभव किया हैं की आपकी कुछ बातें या आदतें या विचार एक जैसे होते हैं। जैसे की आपके बाल, आपकी आँखें, आपका चेहरा, नाक, कान, उचाई, हाथ, पैर, स्वास्थ, या आपके विचार या फिर आपकी हसी, आपका रोना, आपकी भावनाएं, आपकी पसंद न पसंद, वो कुछ भी हो सकते हैं।यहाँ तक आपकी कुंडली भी बहोत बार मिलती झूलती दिखती हैं। आप आध्यात्मिक क्षेत्र में भी एक जैसे होंगे, पर एक बात तो हैं की आपका प्रेम भी एक जैसे ही होगा।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम की कुछ बातें विपरीत होंगे आप एक दूजे को आईना दिखाएंगे
जैसे की अगर आप भाऊक होंगे तो वो उतने ही बुद्धि रूप से सक्षम होंगे, और यदि आप बुद्धि से सक्षम होंगे तो वे भाउक होंगे। जो बात आप नहीं कर पाएंगे वो वही करेंगे। कभी कभी ये आपको अपने नियम से उलंघन करना सिखाएंगे जैसे की अगर आप कोई बात बड़े ही नजागत से और अच्छी करेंगे तो ये ऐसे बिलकुल नहीं रहेंगे। अगर आप उदास से रहेंगे तो ये आपको हसने वाले मिलेंगे। जो बात आपने अपने भीतर सोची होगी कभी तो वो ये आपके मन को दर्शाएंगे। जैसे की आपको शादी से यदि डर लगता हो तो ये एक तो बड़े खुले विचार के होंगे या फिर ये शादी ही नहीं करेंगे। ये आपको वो सारी बातें सीखाने आएंगे या आये हैं जो कभी आपने नहीं की हैं या आपके ह्रदय में कोई इच्छा हो तो उसे पूर्ण करने के लिए वे आपको भीतर से जागरूक करते हैं आपको सक्षम बनाते हैं। इसका एक उदहारण देती हूँ की यदि आप किसी से कोई सलाह लेकर कोई बात करते है तो ये बिना किसी के सलाह के अपनी बातें करेंगे इसका यह अर्थ हैं की आपको अपनी सहायता स्वयं करनी चाहिए और स्वयं में विश्वास होना चाहिए और ये ऐसा आपको सीखा रहे हैं। आप कभी कभी हैरान रहेंगे की ये क्या हैं ऐसा क्यों हैं ? कभी आप उनसे इतना प्रेम करेंगे तो दूजी तरफ उनकी बदमाशियां या बदतमीजियां बिलकुल सेहन नहीं कर पाएंगे पर आप इनसे प्रेम लेश मात्र भी कम नहीं कर पाएंगे।
#आप जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम के ही होकर रह जातें हो
यह इसलिए कहा क्योंकि इतना प्रेम जागरूक होने के बाद आप या तो उन्ही के हो जातें हो या फिर अकेले ही अपना पूर्ण जीवन व्यतीत करते हो। यदि आपके जीवन में ये आये होंगे तो आपके सारे रिश्ते फीके से लगेंगे। इतना प्रेम होने के बाद यदि आप एक क्षण भी भूल नहीं पातें तो यह होकर ही होगा की आप असहज अनुभव करने लग जायेंगे। और अपना कार्य करने में व्यस्त हो जाते हैं। आपमें एक सहनशीलता बढ़ जाती हैं और आप एकांत रहना पसंद करने लग जाते हो। आपके जीवन में या में चाहे कितना भी अच्छा व्यक्ति हो या फिर आप ऐयाशी बाज़ हो तो आप उनसे मिलने बाद किसी के नहीं रहते। ये बहोत देखा हैं और आप भी यदि इस यात्रा में होंगे तो आप ये अवश्य अनुभव करेंगे। पर एक बात मेरी हमेशा रखियेगा चाहे वे या आप कैसे भी हो आप सिर्फ एक दूजे ही रह जाते हैं आप कभी भी किसी के साथ टिक नहीं पाओगे। असहज अनुभव करोगे दम घुटने लगेगा आपका और एक समय ऐसा आता हैं की आप एक तो उन सबसे दूर हो जातें हैं अपने लक्ष्य की और या फिर आप अपना सारा जीवन अकेले ही काटते हो। क्योंकि आप भीतर ही भीतर यही सोचेंगे की मैं किसी का जीवन बर्बाद नहीं कर सकता या धोखा नहीं दे सकता आपकी आत्मा आपको अपने लक्ष्य की तरफ ही खिंचेगी इसलिए असहज अनुभव करते रहते है या रहेंगे और आपकी तपस्या और समर्पण पूर्ण श्रद्धा से हो तो आपका मिलना एक हो पाना निश्चित ही होता हैं चाहे उसके लिए कितने भी जनम लेने पड़े पर आप उन्ही के ही रहते हैं हर जनम में चाहे शरीर से हो या मैं आत्मा से। अपने आप ही वो शक्ति आपने जागरूक होती हैं की आप अपने लिए लड़ते हो इसमें कोई कुछ नहीं करता इसमें आप ही स्वयं करते हैं यदि आप आध्यात्मिक मजबूत हैं तो आप सब कुछ अच्छे से सारे कार्य पार करते हैं और आप कमज़ोर हैं तो मेरी वही सलाह हैं की आप ध्यान कीजिये अपनी अध्यात्म को समझिये।
#अध्यात्म की और आपका और जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम का झुकाव होना
आप यदि मिल चुके हैं तो आपसे में से कोई न कोई एक आध्यात्मिक रूप से जागरूक हुआ होगा या फिर होगा। क्योंकि यह प्रेम कोई साधारण नहीं हैं ये में पिछले ही लेख में बता चुकी हूँ इसलिए तो इनका आध्यात्मिक होना निश्चित ही रहता हैं। आध्यात्मिक होना मतलब की कुण्डलिनी चक्र खुलना ख़ास कर ह्रदय चक्र जो प्रेम और करुणा से सम्बंधित हैं जिसे अनाहत चक्र भी कहते हैं। और ये इसी कारण से एक दूजे से मिलपातें हैं और एक रूप ही होते हैं। चाहे शरीर से हो सकता हैं की ये मिले न मिले पर इनकी आत्मा एक बार आमनेसामने आ गयी तो ये संभव ही नहीं की ये कभी पृथक(बिछड़ेंगे ) होंगे। ये मिलने के बाद इनका झुकाव अध्यात्म के और ज्यादा हो जाता हैं और इन्ही से इनको इतनी सहनशीलता प्राप्त होती हैं। आपमें वो क्षमता अपने आप ही आने लगती हैं की आप स्वयं ही सरे कार्य करें। आप उनको खोजते खोजते अपने आप को पा जातें हो या पाजायेंगे। आपको वो इसलिए ही सीखाने आता हैं की आप अपनी कीमत समझे अपनी शक्तियों को जागरूक करके उनका सदुपयोग करके जनकल्याण अतः अपना और अपने परिवार का भी कल्याण कर सके और अपने सारे कार्य अच्छेसे पार करें और मोक्ष को प्राप्त हो। यही कार्य जुड़वाँ लौ का होता होता हमारे जीवन में। बाकि मिलना न मिलना आपके कर्मो पर निर्धारित होता हैं। आपको यदि स्पष्टता चाहिए तो ध्यान करते रहिये आप अपने आत्मा से अवश्य ही जुड़ जायेंगे और आपकी अंतरात्मा ही आपका मार्गदर्शन करेगी। विश्वास रखिये अपने आप पर और ब्रह्माण्ड पर।
#जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम को अपने जीवन का लक्ष्य मिल जाना
आपका मिलना भी हो जाता हैं उसके बाद आप अलग भी जाते है कुछ समय के लिए, तो केवल अपना लक्ष्य पाने के लिए। और आपका लक्ष्य कुछ भी हो सकता हैं और इनसे मिलने के बाद आपके जीवन में अपना लक्ष्य भी मिल जाता हैं फिर आप अपने लक्ष्य की और अग्रसर होने लगते हैं। आप प्रकृति से जुड़ने लगते हैं प्रकृति की और उन्ही की सेवा करने का विचार मन में पुनः पुनः आता हैं। आपकी कुण्डलिनी जागरूक होने लगती हैं आपके कमियां और डर जो भी हैं वो कम या खत्म से होने लगते हैं यहाँ बतादू की कोई बात ख़तम नहीं होती परन्तु हाँ कम और उस पर नियंत्रण अवश्य होता हैं। आप हर एक कार्य को सफल बना देते हैं इतनी क्षमता आपमें आने लगती हैं। और आपका मन पूजा पांठ और ध्यान में लगने लगता हैं। और इसके चलते आपकी दूसरी जुड़वाँ आत्मा भी उस और जागरूक होने लगती हैं क्योंकि आप एक ही होते हैं पर यहाँ बतादूँ की सिर्फ दिव्य स्त्री जो जागरूक हैं वो या दिव्य पुरुष कोई एक ही ध्यान करें और दूजा जागरूक होगा ऐसा बिलकुल भी नहीं हैं। लोगों ने ये अजीब सी भ्रान्ति फैलाके राखी हैं की सिर्फ डिवाईन फेमिनिन मतलब दिव्या स्त्री ही ध्यान करेगी तो दिव्या पुरुष डिवाईन मस्क्युलाइन जागरूक होगा ऐसा कतई नहीं हैं। हाँ कुछ अंश मात्रा में जो कोई जागरूक आत्मा साधना या ध्यान करेगी तो वो धीरे धीरे अपनी दूजी आत्मा के पुराने आदतों को बदलने में विवश करेगी। पर जिसका कार्य उसीको पूर्ण करना होता हैं। यदि ऐसा होता तो महादेव और माँ पारवती कभी भी एक दूसरे को प्राप्त करने के लिए साधना या तपस्या नहीं करते। कोई एक ही करता उनमे से परन्तु ऐसा उन्होंने नहीं किया अध्यात्म का अर्थ होता हैं स्वयं से जुड़ना स्वयं के आत्मा से जुड़ना तो यदि एक जुड़ेगी तो दूजा भी जुड़ेगा और यह होता ही हैं क्योंकि यदि आपकी ऊर्जा उच्च हैं तो आपको प्राप्त करने के लिए उनको उनकी ऊर्जा को भी उच्च करना पड़ेगा और पड़ता ही हैं अध्यात्म मतलब व्यक्तिगत होता हैं। इसलिए यह अवचेतन मन से एक होते हैं और तभी ये दोनों इनकी मन में चल रही बातें सुन सकते हैं या पढ़ सकते हैं और ये झूठ नहीं हैं। जो भी इस रास्ते पे होगा वो अवश्य ही ये अनुभव करेगा। क्यूंकि एकदूसरे से मिलने के बाद आपकी सोई हुई शक्तियाँ जागरूक होती हैं। सबसे ज़्यादा आपको ११:११ ही दिखेंगे वो चाहे कही भी हो ये आपको अवश्य दिखेंगे इसका अर्थ होता हैं की आप जागरूक हो रहे हैं और अध्यात्म के और अग्रसर हो रहे हैं तो बस यही हैं जुड़वाँ आत्मा /जुड़वाँ लौ /ट्विन फ्लेम से मिलने के लक्षण।
ऐसे देखा जाये तो बहोत हैं लिखने को और बताने को पर जो इन रास्तों पे चल रहे होंगे उन्ही आत्माओं को ही ज्ञात होगा की क्या क्या उन्होंने देखा और सहा हैं। बड़ा ही विचित्र सा अनुभव कर रहे होंगे आप किन्तु यही सत्य हैं। यह कोई झूठ नहीं हैं और नहीं कोई पिक्चर की कहानी बता रही हूँ यह एक परम सत्य हैं पर लोगों ने कैसे जुड़वाँ आत्मा को एक हीरो हीरोइन की तरह साबित किया हैं। नहीं कृपया मसकरी मत कीजिए यह बहोत ही कठिन यात्रा होती हैं उतनी ही पीड़ा और उतना ही प्रेम हैं और मैं पूर्व भी बता चुकी हूँ की यह कोई साधारण सा बंधन नहीं होता हैं ये बहोत ही उच्च स्तर का प्रेम होता हैं इसमें कई जोड़े मिल पातें हैं तो कई नहीं मिल पातें पर ये अपने आपको पूर्ण होने का अनुभव करते हैं क्योंकि आत्मा और मन हृदय से ऊर्जा से जुड़े हुए रहते हैं इसलिए कभी कभी ये बहोत सेहन कर जातें हैं पर ये सत्य हैं की ये कभी भी किसी के भी नहीं हो पाते सिर्फ अपनी जुड़वाँ आत्मा के अलावा। मैं कोई भी भ्रान्ति नहीं फैला रही हूँ क्योंकी ये सब सत्य हैं किन्तु यदि आपके जीवन में आपकी जागरूकता नहीं हुयी हैं तो ये सम्बन्ध आपके समझ के बाहर हैं इसे समझने के लिए ही आपका आध्यात्मिक होना अनिवार्य हैं मैं यही पुनः पुनः दोहराती हूँ। और आप चाहते हैं की आप ऐसा प्रेम पाएं जो किसी के जीवन में प्रसाद रूप प्रेम हैं जो शिवशक्ति सा प्रेम हैं तो ध्यान कीजिये आध्यात्मिक बनने की तैयारी कीजिये अपनी बुरी आदतों को अच्छी आदतों में बदलकर अपने आपको इतना वज्र जैसा बनाइये की आपके जीवन में भी शिवशक्ति सा प्रेम प्राप्त हो। यदि कुछ रह गया हो या कुछ सुझाव देना हो या फिर किसी भी तरह का प्रश्न इस विषय के सम्बन्ध हो तो आप मुझे अवश्य ही कमैंट्स करें या फिर मुझे मेल कर सकते हैं मुझे बहोत आनंद होगा यदि मैं आपकी सहायता करती हूँ तो। तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा की क्या कैसे पहचाने अपनी जुड़वाँ आत्मा को? देखिये किसी भी प्रकार का भ्रम अपने मन में लाने से पहले अपनी अंतर आत्मा की सलाह अवश्य लेना क्योंकि अंतरात्मा से बड़ा गुरु और कोई नहीं होता है। पर यदि आप ऐसे समस्या में फसे हैं तो आप किसी जानकर व्यक्ति से ही पूछिए और अपना सही निर्णय लेकर सही मार्ग चुने और यदि आपको कोई भी समस्या हैं की आप इस सम्बन्ध में हैं की नहीं तो आप मुज़से भी पूछ सकते हैं। परन्तु कृपया करके अपने आपको भटकाइए मत। तो इसी की साथ मैं अब अपने शब्दों को विराम देते हुए आपके कीमती समय को प्रणाम करते हुए आपसे विदा लेना चाहती हूँ और एक नए विषय को लेकर आपसे फिर मिलने की इच्छा व्यक्त करती हूँ। आप सभी स्वस्थ रहिये और आनंदित रहिये यही प्रार्थना मैं आपके लिए करती हूँ की प्रभु आप सभी पर अपनी कृपा और आशीर्वाद प्रदान करें आपके घर में बरकत रहे और आपका जीवन खुशियों से आबाद रहे।
🙏जय गुरुदेव, हर-हर महादेव। 🙏
Aap sahi kah rahi h mere sath bilkul esa hi ho raha h
जवाब देंहटाएंKya twinflem ko bina dhekhe uska chehra sapne mein aata hai
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